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Welcome To Department of Hindi
हिंदी विभाग की स्थापना- 1994-95
कार्यरत अध्यापक – प्रा. डॉ. भरत त्र्यंबक शेणकर (एम.ए.,पी.एच.डी.) , विभाग प्रमुख
प्रा.बबन किसन थोरात (एम.ए.,सेट )
विभाग में स्नातक स्तर पर प्रथम वर्ष कला में सामान्य तथा द्वितीय व तृतीय वर्ष कला में हिंदी विषय विशेष स्तर पर पढ़ाया जाता है।
विभाग के अध्यापक तथा विभाग प्रमुख डॉ. भरत त्र्यंबक शेणकर ने ‘संत सूरदास तथा एकनाथ का काव्य’इस विषय
पर 8 मार्च 2014 सा.फु.पुणे विश्वविदयालय से विद्यावाचस्पति उपाधि प्राप्त की।
प्रा. भरत शेणकर ने यु जी.सी.दवारा स्वीकृत ’शेखर एक जीवनी के परिप्रेक्ष्य में वर्तमान युवकों की मानसिकता का
अंकन’ इस विषय पर लघुशोध प्रकल्प पूरा किया तथा ‘निर्मला पुतुल के काव्य में अभिव्यक्त आदिवासी स्त्री विमर्श का
अध्ययन’ महाविद्यालय अनुसंधान विभाग तथा आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चयन प्रकोष्ठ (IQAC) की ओर से रु.15000/- अनुदान
प्राप्त कर इस लघुशोध प्रकल्प को पुरा किया (2018-19) इसके साथ -साथ “’इमोजी’ चित्रलिपि के सोशल मीडिया में
अनुप्रयोग की सार्थकता का अनुशीलन” इस विषय पर महाविद्यालय अनुसंधान विभाग तथा आंतरिक गुणवत्ता सुनिश्चयन
प्रकोष्ठ (IQAC) की ओर से रु.15000/- अनुदान प्राप्त कर इस लघुशोध प्रकल्प को पुरा किया (2020-21)
एकस्व (पेटेंट) : पेटेंट डिजाइन और ट्रेड मार्क्स महानियंत्रक कार्यालय, भारत सरकार के द्वारा “समाज पर सोशल मीडिया
केप्रभाव का विश्लेषण’ विषय पर एकस्व (पेटेंट) प्राप्त। (आवेदन संख्या -202321054728 ,प्रकाशन तिथि -6/10/2023)
● विशेष योगदान –
विभाग के अध्यापक तथा विभाग प्रमुख डॉ. भरत त्र्यंबक शेणकर का महाराष्ट्र राज्य पाठ्यपुस्तक निर्मिती तथा पाठ्यक्रम
अनुसंधान मण्डल,(बालभारती)महाराष्ट्र राज्य के ‘हिन्दी विषय लेखक’ चयन समिति सदस्य के रूप में योगदान ।
(2022-23)
विभाग के अध्यापक प्रा. बी.के.थोरात ने 22 जून 2013 को सेट परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके साथ- साथ सन 2015-16 में
‘इक्कीसवी सदी के प्रथम दशक की महिला लघुकथाकारों की लघुकथों में नारी विमर्श’ इस विषय पर सावित्रीबाई फुले
पुणे विश्वविद्यालय में विद्यावाचस्पति उपाधि के लिए पंजीकरण किया है।
2017-18 से 2022-23 तक विभाग के नतीजे उत्कृष्ट रहें है।
आदिवासी तथा अतिदुर्गम विभाग में स्थित इस महाविद्यालय में एस.टी (Seheduld Tribes) छात्रों की संख्या लघभग 95%
प्रतिशत है।
विभाग के अध्यक्ष डॉ.भरत त्र्यंबक शेणकर के दो संदर्भ ग्रन्थ प्रकाशित हुए है-
1) हिंदी भक्ति काव्य –गरिमा प्रकाशन,कानपूर
2) ‘संत सूरदास और एकनाथ का काव्य’ –चंद्रलोक प्रकाशन, कानपूर
विभाग के दोनों अध्यापकों ने कूल 24 राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय,राज्यस्तरीय संगोष्ठी और सम्मेलनों में सहभाग लिया तथा 18
राष्ट्रीय,अंतर्राष्ट्रीय,राज्यस्तरीय संगोष्ठी और सम्मेलनों में शोधालेखों को प्रस्तुत और प्रकाशित किया।
प्रा.बबन थोरात ने प्रथम वर्ष कला अध्ययनक्रम पुनर्रचना में सक्रियता से सहभाग लिया।
विभाग के दोनों अध्यापकों ने आवश्यक अभिविन्यास, पुनश्चर्या, अल्पकालिक पाठ्यक्रम को सफलता पूर्वक पूरा किया है।
हिंदी विभाग समय-समय पर हिंदी दिवस, निबंध प्रतियोगिता, काव्यवाचन, यात्रा आयोजन, राष्ट्रीय तथा राज्यस्तरीय
संगोष्ठियों का आयोजन करता है।
दि.16/17 फ़रवरी 2018 को महाविद्यालय में ‘आदिवासी साहित्य विमर्श ’ इस विषय पर द्वि दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का
आयोजन किया गया।
दि. 10/11 जनवरी 2020 को महाविद्यालय में "वैश्वीकरण का हिंदी भाषा और साहित्य पर प्रभाव" इस विषय पर राज्यस्तरीय
संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
विभाग के अध्यक्ष प्रा. भरत शेणकर को 'राष्ट्रीय साहित्य सेवा सम्मान', आयोजक श्री 2022',सहोदरी रत्न',जीरो माइल
आईकॉन अवार्ड(शिक्षा रत्न ) 2023 ,महात्मा ज्योतिबा फुले फ़ेलोशिप राष्ट्रीय सम्मान' आदि सम्मान प्राप्त हुए हैं।
विभाग के उल्लेखनीय भूतपूर्व छात्र – प्रा..गणेश गभाले (एम.ए.,नेट), प्रा. गोरख इदे(एम.ए. सेट,नेट), प्रा.विश्वनाथ
पटेकर(एम.ए. सेट,एम्.फिल), सोनल बोराडे(एम.ए. सेट,एम्.फिल), भागडे सुनीता(एम.ए. सेट),अविनाश राठोड,अनिल साबले,
प्रा.लक्ष्मण ढगे( एम. ए. सेट ) आदि.छात्र विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत।
विभाग में कंप्यूटर नेट सुविधा के साथ,प्रिंटर आवश्यक सभी वस्तुएँ तथा फ़र्निचर उपलब्ध।
भविष्यकालीन योजनाएँ-
1. राष्ट्रभाषा हिंदी तथा हिंदी साहित्य में बहुचर्चित विषयों पर संगोष्ठियों,चर्चासत्रों का आयोजन करना।
2. हिंदी भाषिक राज्यों में हिंदी अध्ययन यात्राओं का आयोजन करना।
3. स्नातकोत्तर हिंदी पाठ्यक्रम शुरू करना।
धन्यवाद...